धर्माध्यक्षों ने किया भारत में हिंदू दलों की हिंसा का विरोध

ओडिशा राज्य के दो शहरों की मुख्य सड़कों पर काथलिक एवं अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के 20 से अधिक धर्माध्यक्षों के नेतृत्व में लगभग 10,000 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने राज्य तथा सम्पूर्ण भारत में ईसाइयों के विरुद्ध हिंदू समूहों द्वारा बढ़ते हमलों के विरोध में प्रदर्शन किया।

हिंसा का विरोध
19 मार्च को हुए उक्त प्रदर्शन में भाग लेनेवाले राउरकेला धर्मप्रांत के काथलिक धर्माध्यक्ष किशोर कुमार कुजूर ने कहा, "ओडिशा और पूरे भारत में पुरोहितों, धर्मबहनों और आम ख्रीस्तीयों पर  अचानक और पूर्वनियोजित हिंसक हमले बढ़ गए हैं।"

धर्माध्यक्ष कुजूर ने 20 अगस्त को यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम (यूसीएफ) के दस्तावेजी आंकड़ों का हवाला देते हुए ऊका न्यूज़ को बताया कि, "हमलों की खतरनाक आवृत्ति का अर्थ है कि भारत में हर दिन दो से अधिक ईसाइयों को सिर्फ अपने धर्म पालन के लिए निशाना बनाया जा रहा है।"

ज्ञापन
राउरकेला में विरोध प्रदर्शन के बाद, धर्माध्यक्ष कुजूर एवं अन्य 20 ख्रीस्तीय नेताओं ने ज़िले की सरकारी अधिकारी धीनाह दस्तगीर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें ईसाइयों के "गहरे दुःख और चिंता" की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया गया।

इसी प्रकार, सुंदरगढ़ ज़िले में भी इसी तरह की एक रैली आयोजित की गई। यही ज्ञापन ज़िला कलेक्टर और शीर्ष सरकारी अधिकारी शुभंकर महापात्रा को भी सौंपा गया।

ज्ञापन में भारत भर में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के खिलाफ "अनुचित, बेरोकटोक, अचानक, क्रूर, पूर्वनियोजित, भयावह हमलों, उत्पीड़न, धमकी और बहिष्कार की बढ़ती घटनाओं" का उल्लेख किया गया। इसमें कहा गया है कि पुरोहितों और धर्मबहनों सहित ईसाइयों पर हमले किए जा रहे हैं, उनके गिरजाघरों में आक्रामक भीड़ द्वारा तोड़फोड़ की जा रही है, "मनगढ़ंत झूठे आरोप लगाकर, देश की शांति, सद्भाव और अखंडता को भंग किया जा रहा है।"

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की "सुरक्षा और संरक्षा" के लिए सरकारी कार्रवाई की मांग की गई, जो भारत की 1.4 अरब आबादी का 2.3 प्रतिशत हैं।

सुरक्षा की मांग
ईसाई नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करने वाले हिंदू समूह देश को हिंदू विचारधारा पर आधारित राष्ट्र बनाने के लिए ईसाइयों को निशाना बनाते हैं।

विरोध प्रदर्शन के प्रमुख आयोजक सुंदरगढ़ क्रिश्चियन काउंसिल के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त नौकरशाह इग्नेस हसदा ने कहा कि बढ़ते हमलों ने "बहुत भय, आघात और संकट पैदा किया है" और ईसाइयों को अपने गाँवों और कस्बों में स्वतंत्र रूप से घूमने से भी रोक दिया है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील, दिव्य शब्द धर्मसमाज के  फादर अशोक मिंज ने भारतीय सरकार का आह्वान किया कि वह ख्रीस्तीयों एवं उनके आराधना स्थलों और संस्थानों को "पर्याप्त सुरक्षा" प्रदान करे।