ख्रीस्त जयन्ती महापर्व पर एक चिन्तन

वाटिकन रेडियो सुनने वाले सभी भाइयों एवं बहनों को ख्रीस्त जयन्ती की शुभकामनाएँ अर्पित करते हुए हम ईश्वर से आर्त याचना करते हैं कि वे आपको, आपके परिजनों एवं सभी शुभचिन्तकों को अपने प्रेम एवं शान्ति से परिपूर्ण कर दें।

25 दिसम्बर क्रिसमस, ख्रीस्तजयन्ती, बड़ा दिन अर्थात् येसु मसीह का जन्मदिवस है। मुक्तिदाता ख्रीस्त की जयन्ती की सुखद स्मृति का दिन है। यह हर्षोल्लास के गीत गाने और अपने आनन्द में अन्यों को शामिल करने का सुअवसर है। क्रिसमस और इसके आसपास की अवधि विश्व के एक अरब से अधिक ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों द्वारा पश्चिमी गोलार्द्ध के धनी देशों में शानो शौकत, महेंगे खान पान एवं बेशुमार दौलत प्रदर्शन कर मनाई जाती है तो एशिया, लातीनी अमरीका एवं अफ्रीका के निर्धन राष्ट्रों में प्रार्थना व दान पुण्य, नृत्य और गीतों तथा परिवारों में एकत्र होकर मनाई जाती है। वस्तुतः क्रिसमस महापर्व प्रार्थना, मनन चिन्तन एवं प्रभु में आनन्द मनाने का सुअवसर है। यह एक सुन्दर मौका है तनिक रुककर हमारे उद्धारकर्ता येसु में पाये जाने वाले प्रेम, आशा और आनन्द के लिए धन्यवाद देने का।

श्रोताओ, जब हम अपनों के साथ तोहफ़ों का आदान-प्रदान करते हैं तो यह उस तोहफ़े की याद में होता है जो प्रभु ईश्वर ने हमें येसु ख्रीस्त में दिया है। ईश्वर का यह अनमोल वरदान हमें स्मरण दिलाता है कि ईश्वर ने हम मनुष्यों से इतना प्यार किया कि अपने एकलौते पुत्र को हमारी मुक्ति के लिये इस धरती पर भेज दिया। यह हमें याद दिलाता है कि हम कभी भी अकेले नहीं हैं क्योंकि प्रभु येसु हमारी आशा हैं, हमारा भविष्य है वे हमें कभी भी अकेला नहीं छोड़ते हैं।

क्रिसमस महापर्व प्रभु येसु ख्रीस्त में विश्वास करनेवाले ख्रीस्तानुयायियों को आमंत्रित किया जाता है कि वे इस शुभ पर्व पर अपने कम नसीब भाइयों के लिये दुआ करना नहीं भूलें। वे यूक्रेन, इस्राएल, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो तथा अफ्रीका के विभिन्न देशों में युद्धों और संघर्षों से जूझ रहे अथवा युद्धोपरान्त कठिनाईयों का सामना कर रहे लोगों के लिये प्रार्थना करना नहीं भूलें। उन लोगों की याद भी करें जिनकी दशा वैश्विक आर्थिक मन्दी के कारण बद से बदत्तर हो गई है, जो भुखमरी एवं कुपोषण के शिकार है, जो आतंकवाद के शिकार हैं, जो रोग से ग्रस्त हैं और प्रभु की कृपा से स्वस्थ होने का इन्तज़ार कर रहे हैं। उनकी याद करें जो मौत की शैया पर अपार पीड़ा भोग रहे हैं, परित्यक्त, बहिष्कृत एवं तिरस्कृत हैं। बालक येसु से हम सब मिलकर इनके लिये विनती करें ताकि प्रभु की दया दृष्टि सभी पीड़ितों पर बनी रहें तथा प्रभु येसु मसीह की जयन्ती का सुअवसर उनके लिये भी सुखद अनुभवों का समय सिद्ध हो।

नबी इसायाह की भविष्यवाणी
"अन्धकार में भटकनेवालों ने एक महती ज्योति देखी है, अन्धकार प्रदेश में रहनेवालों पर ज्योति का उदय हुआ है।" ..... तूने उन लोगों को आनन्द और उल्लास प्रदान किया है। जैसे फ़सल लुनते समय या लूट बाँटते समय उल्लास होता है। वे वैसे ही तेरे सामने आनन्द मना रहे हैं।"

श्रोताओ, प्रभु येसु मसीह के जन्म से सदियों पूर्व प्राचीन व्यवस्थान के नबी इसायाह ने मसीह की बाट जोहनेवाले, मुक्ति के प्रत्याशी ईश भक्तों को इन्हीं शब्दों से आश्वासन दिया था। मसीह के मुक्ति कार्यों एवं गुणों का बखान करते हुए उन्होंने सदियों से आनेवाले मसीह की बाट जोहती ईश प्रजा से कहा थाः

"यह इसलिये हुआ कि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ है, हमको एक पुत्र मिला है। उसके कन्धों पर राज्याधिकार रखा गया है और उसका नाम- अपूर्व परामर्शदाता, शक्तिशाली ईश्वर, शाश्वत पिता, शान्ति का राजा। वह दाऊद के सिंहासन पर विराजमान होकर सदा के लिये शान्ति, न्याय, और धार्मिकता का साम्राज्य स्थापित करेगा। विश्वमण्डल के प्रभु का अनन्य प्रेम यह कार्य सम्पन्न करेगा।"       

प्राचीन व्यवस्थान में अपूर्व परामर्शदाता, शक्तिशाली ईश्वर, शाश्वत पिता, शान्ति का राजा आदि शीर्षक ज्ञानी राजा सुलेमान के लिये प्रयुक्त हुए थे। अब नबी इसायाह इन्हीं शीर्षकों से भावी मसीह की भविष्यवाणी कर रहे थे क्योंकि केवल मसीह ही इन शीर्षकों के योग्य हैं। वस्तुतः, नबी इसायाह का यह आश्वासन येसु द्वारा अर्जित मुक्ति में भागीदार बनने के इच्छुक सभी व्यक्तियों के लिये है ताकि हममें से प्रत्येक अपने-अपने क्षेत्र में न्याय और शांति का सन्देशवाहक बन सके।

श्रोताओ, हम इस तथ्य के प्रति सचेत हैं कि येसु के अनन्य और अद्वितीय व्यक्तित्व के गूढ़ रहस्य को समझना मानव बुद्धि के परे है तथापि, हमारा विश्वास है कि सद्भावना से परिपूर्ण हमारे श्रोता येसु के जीवन्त व्यक्तित्व से प्रकाशित होनेवाली विपुल ज्योति से अपने हृदयों को अवरुद्ध नहीं करेंगे। उनकी रहस्यमय ज्योति सहज ही हमारे जीवन के अंधियारे को दूर कर हमें मार्गदर्शन प्रदान करेगी तथा एक बेहतर विश्व की रचना हेतु उत्प्रेरित करेगी ताकि हममें से प्रत्येक उस ज्योतिर्मय द्वार तक पहुँच सके जो अनन्त आनन्द और उल्लास के लोक में प्रवेश कराता है।  

मुक्ति इतिहास
ख्रीस्तजयन्ती की पावन बेला में आइये हम सब मिलकर मानव मुक्ति सम्बन्धी इतिहास की घटनाओं का अवलोकन करें...  आदि मानव आदम और हेवा के पाप के परिणामस्वरूप मनुष्य स्वर्ग खो चुका था। ईश्वर ने मानव पर दया दर्शाई तथा उसे पापों से मुक्त करने के लिये अपने एकलौते पुत्र को इस धरा पर भेजने की प्रतिज्ञा की। यह प्रतिज्ञा येसु मसीह के देहधारण, उनकी प्रेरिताई, उनके क्रूसमरण और पुनःरुत्थान में पूरी हुई तथा मानवजाति को मुक्ति का वरदान प्राप्त हुआ। स्वर्गदूत गाब्रियल के सन्देश के अनुसार मरियम की कोख में ईश्वर के पुत्र विकसित होते गये तथा कैसर अगस्तुस के काल में दाऊद के वंश में ईशपुत्र ने एक अबोध बालक बनकर जन्म लिया।