एक साथ मिलकर शांति की खोज की जाये, पोप लियो 14 वें

पोप लियो 14 वें ने इतालवी टेलेविज़न राय को दी एक भेंटवार्ता में वाटिकन रेडियो की सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दूरदराज़ के क्षेत्रों में जीवन यापन करनेवालों के लिये वाटिकन रेडियो की भूमिका अहं है।

रोम स्थित सान्ता मरिया दी गालेरिया प्रसारण केन्द्र में अपनी भेंट के समापन पर पोप लियो 14 वें ने इतालवी टेलेविज़न राय को दी एक भेंटवार्ता में वाटिकन रेडियो की सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दूरदराज़ के क्षेत्रों में जीवन यापन करनेवालों के लिये वाटिकन रेडियो की भूमिका अहं है।

इसी अवसर पर पोप ने केंद्र के लिए नियोजित फोटोवोल्टिक परियोजना के बारे में बात करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को संबोधित करने के लिए यह एक "अद्भुत अवसर" है।

शांति की अपील
इतालवी टेलेविज़न के पत्रकार इग्नासियो इन्ग्राओ से बातचीत में पोप लियो 14 वें ने इस समय जारी सशस्त्र युद्ध पर गहन चिन्ता व्यक्त की और कहा कि बहुत से निर्दोष मारे जा रहे हैं जो हम सब के लिये चिन्ता का विषय होना चाहिये।

उन्होंने कहा, "मैं शांति के लिए इस अपील को फिर से दोहराना चाहूँगा ताकि हर कीमत पर हथियारों के इस्तेमाल से बचा जा सके तथा कूटनीतिक साधनों के माध्यम से वार्ताओं की बहाली हो सके।" उन्होंने कहा, "इतने सारे निर्दोष लोग मर रहे हैं कि एक साथ मिलकर इस त्रासदी के लिये समाधान खोजना नितान्त आवश्यक हो गया है।"

पोप लियो ने संचार केंद्र के इतिहास और भविष्य पर भी प्रकाश डाला, जिसकी इच्छा 1957 में पोप पियुस 12 वें ने की थी और जो आज जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों का जवाब देने के लिए नियत है।

उन्होंने कहा, "मैं वाटिकन रेडियो के इस एंटेना को नहीं जानता था, जो कि लैटिन अमरीका में एक मिशनरी के रूप में मेरे लिए बेहद उपयोगी रहा।" पोप लियो ने बताया कि उन्होंने "कई बार पहाड़ों में भी जहां कोई अन्य संभावना नहीं थी, वाटिकन रेडियो के जरिये पोंटिफिकल स्टेशन के शॉर्ट-वेव प्रसारण को इंटरसेप्ट किया।" इसी प्रकार, उन्होंने कहा, "अफ्रीका में, अगस्टीन धर्मसमाज के मठाध्यक्ष के रूप में विभिन्न देशों में अपनी यात्राओं के दौरान मुझे वाटिकन रेडियो के जरिये समाचार मिला करते थे।"

फोटोवोल्टिक परियोजना
वाटिकन रेडियो के प्रसारण केन्द्र सान्ता मरिया दे गालेरिया के भविष्य पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह केन्द्र अपना ध्यान जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित समस्याओं पर केन्द्रित कर रहा है, जिसका दिशानिर्देशन सन्त पापा फ्राँसिस ने अपने मोतू प्रेप्रियो "फ्रातेल्लो सोले" के द्वारा  एक वर्ष पहले किया था, ताकि वाटिकन राज्य की ऊर्जा स्वायत्तता के लिए कृषि वोल्टाइक प्रणाली से इसे सुसज्जित किया जा सके।

पोप लियो ने कहा कि यह "एक सुंदर अवसर" है और "कलीसिया की ओर से एक प्रतिबद्धता" है ताकि "विश्व के समक्ष एक ऐसा उदाहरण पेश किया जाए जो बहुत महत्वपूर्ण है"। उन्होंने इस तथ्य की पुनरावृत्ति की कि हर कोई "जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को जानता है और यह हमारा दायित्व है कि हम वास्तव में सम्पूर्ण विश्व और सभी प्राणियों का ख्याल रखें जैसा कि सन्त पापा फ्रांसिस ने स्पष्ट रूप से सिखाया है"।