पोप लियो 14वेः अपने जीवन के खजाने को प्रेम और दया में निवेश करें

पोप लियो ने रविवार को 4ट्वीट कर अपने रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पूर्व दिये गये संदेश में जीवन रूपी धन का विनिमय करने का आहृवान किया। अंतर्राष्ट्रीय निर्णयकर्ताओं से संघर्षों के समाधान की ज़िम्मेदारी लेने की हार्दिक अपील की। उन्होंने आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच नए शांति समझौते पर संतोष व्यक्त किया, साथ ही हैती में जारी हिंसा के लिए गहरा दुःख भी व्यक्त किया।
पोप लियो 14वें ने रविवारीय देवदूत प्रार्थना हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों से रविवारीय धर्मविधि के लिए चयनित संत लूकस के सुसमाचार पाठ पर चिंतन करने को निमंत्रण देते हुए कहा कि हम जीवन रूपी धन का सही तरह से उपयोग करें। अपने धन द्वारा दूसरों की मदद करने का का कोई अवसर अपने हाथ से जाने न दें। इसी के मद्देनजर संत पापा ने अपने सोशल मीडिया के प्लेफार्म एक्स पर दो संदेश लिखाः
पहला संदेश : “आज के सुसमाचार.( लूक 12:32-48) में, येसु हमसे आग्रह करते हैं कि हम परमेश्वर द्वारा दिए गए उपहारों को अपने तक ही सीमित न रखें, बल्कि उनका उदारतापूर्वक दूसरों की भलाई के लिए उपयोग करें, खासकर उन लोगों की जिन्हें हमारी मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।”
दूसरा संदेश : “हम जहाँ भी हों, प्रेम करने का कोई भी अवसर न गँवाएँ। यही वह सतर्कता है जिसकी येसु हमसे अपेक्षा करते हैं: एक-दूसरे के प्रति सचेत, उपलब्ध और संवेदनशील रहने की आदत डालें, क्योंकि वे हर पल हमारे साथ हैं।”
देवदूत प्रार्थना के बाद पोप ने अंतर्राष्ट्रीय निर्णयकर्ताओं से संघर्षों के समाधान की ज़िम्मेदारी लेने की हार्दिक अपील की। उन्होंने आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच नए शांति समझौते पर संतोष व्यक्त किया। इसी के मद्देनजर संत पापा ने एक्स में लिखाः
तीसरा संदेश : “आइए, हम सभी युद्धों के अंत के लिए प्रार्थना करते रहें। हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी की 80वीं वर्षगांठ ने दुनिया भर में संघर्षों को सुलझाने के एक साधन के रूप में युद्ध के उचित अस्वीकृति की भावना को फिर से जागृत किया है। निर्णय लेने वाले हमेशा यह ध्यान रखें कि वे सभी लोगों के लिए लिये गये अपने निर्णयों के परिणामों के ज़िम्मेदार हैं। वे सबसे कमज़ोर लोगों की ज़रूरतों और शांति की सार्वभौमिक इच्छा को नज़रअंदाज़ न करें”।
अपने चौथे संदेश में पोप ने हैती में जारी हिंसा के लिए गहरा दुःख भी व्यक्त किया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ऐसे सामाजिक और संस्थागत हालात बनाने में ठोस सहयोग का अनुरोध किया।
चौथा संदेश : “हैती के लोगों की स्थिति लगातार निराशाजनक होती जा रही है। हत्याओं, हर तरह की हिंसा, मानव तस्करी, जबरन निर्वासन और अपहरण की खबरें लगातार आ रही हैं। मैं सभी ज़िम्मेदार लोगों से बंधकों को तुरंत रिहा करने की हार्दिक अपील करता हूँ, और मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ऐसे सामाजिक और संस्थागत हालात बनाने में ठोस सहयोग का अनुरोध करता हूँ जिससे हैती के लोग शांति से रह सकें।”