पेरू के युवाओं के लिए पोप का गृहकार्य: 'मसीह का सुसमाचार को घर ले जायें

पोप लियो ने युवा लोगों की जयंती में भाग लेने वाले पेरू के युवाओं को "गृहकार्य" देते हुए कहा कि वे जयंती को तस्वीरों में यादों को संरक्षित करने के लिए न रखें, बल्कि मसीह के शुभ समाचार को घर तक ले जाएं और जिन लोगों से वे मिलते हैं उन्हें मसीह का चेहरा दिखाएं।

"मैं चाहता हूँ कि जब आप पेरू लौटें, तो आप उस धरती को सुसमाचार के आनंद और शक्ति से, ईसा मसीह के शुभ समाचार से भर दें," संत पापा लियो 14वें ने सोमवार को रोम में युवा जयंती समारोह में भाग लेने आए पेरू के युवाओं से कहा।

पोप ने उनका स्वागत "आशा के तीर्थयात्री" के रूप में किया, जो पवित्र वर्ष समारोह को एक साथ मनाने के लिए हज़ारों अन्य युवाओं से मिलने के लिए तैयार हैं। पोप ने कहा, "आपको यहाँ देखकर," मुझे आपके परिवारों और आपके पल्ली समुदायों के उन कई लोगों की भी याद आई, जिन्होंने "बड़े त्याग और कड़ी मेहनत से" इस लंबे समय से प्रतीक्षित यात्रा को संभव बनाने में आपकी मदद की है।

कलीसिया का परिवार
पोप ने दिन के पाठों पर विचार करते हुए कहा कि "हम भी छोटे हैं, लेकिन हम अकेले नहीं हैं।"

उन्होंने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, "प्रभु की इच्छा है कि हम एक महान परिवार, कलीसिया के परिवार का हिस्सा बनें। मसीह में शामिल होकर, बेल पर लगे गुच्छों की तरह, हम प्रभु की कृपा से बढ़ सकते हैं और फल दे सकते हैं।"

पोप ने याद किया कि कैसे संत अगुस्टीन ने भजन 68 पर टिप्पणी करते हुए, इस अर्थ में छोटी चीज़ों की ताकत पर प्रकाश डाला था और इस बात पर ज़ोर दिया था कि जब यह बढ़ता है, तो यह एक समुदाय में जड़ें जमा लेता है, अर्थात् "ईश्वर के लोग जो पूरी पृथ्वी पर फैले हुए हैं।"

घर में खुशखबरी लाएँ, उन तक मसीह का चेहरा पहुँचाएँ
इस अर्थ में, पोप ने युवाओं से आग्रह किया कि वे इन दिनों जो कुछ भी अनुभव कर रहे हैं, उसे अतीत की स्मृति के रूप में न रखें।

उन्होंने कहा, "कृपया, इसे केवल कुछ खूबसूरत तस्वीरों में एक स्मृति के रूप में न रहने दें," बल्कि घर लौटने पर मसीह का चेहरा पहुँचाएँ।

पोप ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा, "आपसे मिलने वाला हर व्यक्ति आप में मसीह का चेहरा देखे, जो प्रेम करते हैं और स्वयं को समर्पित करते हैं, और जो प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति में विद्यमान रहते हैं।"

पेरू के प्रिय संत
इसलिए, पोप लियो ने उनसे आग्रह किया, "दैनिक जीवन में, छोटी और छिपी हुई चीज़ों में भी, मुक्त भाव से प्रेम और सेवा करें, क्योंकि तुमने पहले प्रेम किए जाने के आनंद का अनुभव किया है, और क्योंकि तुमने परमपिता परमेश्वर से सब कुछ मुफ़्त में प्राप्त किया है।"

पोप लियो ने अपने संदेश को विराम देते हए कहा, "इन दिनों तुम्हारे पास जो बैग है, जिसमें केवल आवश्यक वस्तुएँ हैं, वे उस मिशन का प्रतीक हैं जो पोप आज तुम्हें सौंप रहे हैं," अर्थात् "जहाँ भी जाओ, मिशनरी बनो; प्रभु की उपस्थिति के प्रति पारदर्शी बनो, जैसे हमारे प्रिय पेरूवासी संत थे।"