यूनिसेफ द्वारा गाजा में 12,000 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान की गई

अकेले जुलाई में 12,000 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान हुई, जो अब तक का सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है
यूनिसेफ के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका प्रोफाइल एक्स के अनुसार गाजा में गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या में वृद्धि चौंका देने वाली है। फरवरी में, 2,000 बच्चे प्रभावित थे। जून तक, यह आंकड़ा तीन गुना हो गया। अब, यह लगभग दोगुना हो गया है। यह स्पष्ट प्रमाण है कि कुपोषण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बच्चों की जान गंभीर खतरे में है। इस गिरावट की गति चिंताजनक है और इसके लिए तत्काल, बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
यूनिसेफ का कहना है, “हम जानते हैं कि कुपोषण को कैसे रोका और उसका इलाज किया जाए। इसके लिए साधन मौजूद हैं। विशेषज्ञता मौजूद है। लेकिन सुरक्षित और निरंतर पहुँच के बिना, ये बेकार हैं। गाज़ा में बच्चों को बड़े पैमाने पर सहायता और युद्धविराम की अभी तत्काल आवश्यकता है।”
अकेले जुलाई में, गाज़ा में लगभग 12,000 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए। यह अब तक का सबसे अधिक मासिक आँकड़ा है। और इसके पहले कि बच्चों की मौत हो जाये, बच्चों तक खाद्य सहायता तत्काल पहुँचनी चाहिए।
कुपोषण से सैकड़ों बच्चों की मौतें
फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी इलाक़ा, एक "विनाशकारी" मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जहाँ कुपोषण से होने वाली मौतें तेज़ी से बढ़ रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के हवाले से ख़बर दी है कि अक्टूबर 2023 से अब तक इसराइल की लगातार बमबारी और ज़मीनी सैन्य अभियानों में कम से कम 61 हज़ार 158 फ़लस्तीनी लोग मारे गए हैं और 1 लाख 51 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल में हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादी हमलों के बाद, ग़ाज़ा में शुरू हुए इसराइली सैन्य हमलों में मारे गए लोगों में, एजेंसी के भी लगभग 350 कर्मचारी हैं।
बहुत से लोग, स्कूलों या तम्बुओं में शरण के दौरान, या भोजन पाने के लिए क़तार में खड़े होते समय मारे गए हैं।
खाद्य असुरक्षा लगातार बदतर हो रही है। यूएन आँकड़ों के अनुसार, अगस्त की शुरुआत से अब तक 193 लोग कुपोषण से मौत के मुँह में जा चुके हैं, जिनमें लगभग 96 बच्चे भी हैं। इससे पहले जुलाई में पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में, तीव्र कुपोषण की सबसे अधिक मासिक दर दर्ज की गई है।