घाना की सीमा पर धर्मबहनें प्रवासियों और शरणार्थियों की सेवा कर रही हैं

पश्चिम अफ्रीकी प्रवास मार्गों के बदलने के साथ ही, कलीसिया की माता मरिया (एसएमएमसी) की धर्मबहनें घाना में बहत ज्यादा भीड़ वाले अनौपचारिक बस्तियों में से एक, अफलाओ यहूदी बस्ती में विस्थापित समुदायों को अग्रिम पंक्ति में सहायता प्रदान कर रही हैं।
सिस्टर मेरी कोंसोलाता सेरवाह नटेनये की यात्रा हाशिए पर पड़े और कमज़ोर लोगों की सेवा करने के आह्वान के साथ शुरू हुई। यह उन्हें दक्षिणी घाना के सीमावर्ती शहर अफ़्लाओ ले आया, जो प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए एक प्रमुख प्रवेश बिंदु है। वहाँ, कलीसिया की माता मरिया की धर्मबहनों (एसएमएमसी) ने प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया।
टोगो-घाना सीमा के पास स्थित, अफ़्लाओ में कोटे डी आइवर, बुर्किना फ़ासो और टोगो सहित अन्य देशों से आने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है। अफ़्लाओ यहूदी बस्ती शरण और कठिनाई दोनों का स्थान बन गई है, जहाँ स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं तक पहुँच बहुत सीमित है।
एसएमएमसी कार्यक्रम व्यावहारिक सहायता के साथ इन ज़रूरतों को पूरा करता है।
समन्वयक के रूप में, सिस्टर मेरी कोंसोलाता ने विस्थापित लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका पर ध्यान केंद्रित करने वाली पहलों का नेतृत्व किया है।
स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच एक प्रमुख प्राथमिकता है
उन्होंने कहा, "कई शरणार्थियों और प्रवासियों को चिकित्सा देखभाल का अभाव है, अस्थिर जीवन स्थितियों के कारण यह समस्या और भी बदतर हो गई है।"
वह स्थानीय क्लीनिकों और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर निःशुल्क परामर्श, आवश्यक दवाइयाँ और निवारक स्वास्थ्य तथा बचपन की देखभाल पर शिक्षा प्रदान करती हैं।
सशक्तिकरण के रूप में शिक्षा
सिस्टर मेरी कोंसोलाता ने शरणार्थी और प्रवासी समुदायों में बच्चों, किशोरों और वयस्कों के लिए शिक्षण कार्यक्रम स्थापित करने में मदद की है। इनका उद्देश्य बच्चों को औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करना और वयस्कों को रोजगार योग्य कौशल से लैस करना है।
वे यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय स्कूलों के साथ भी सहयोग करती है कि शरणार्थी बच्चों को शिक्षा प्रणाली से बाहर न रखा जाए।
मानव अधिकारों के लिए आवाज़
सेवाओं से परे, कार्यक्रम प्रवासियों और शरणार्थियों के अधिकारों की वकालत करता है। सिस्टर मेरी कोंसोलाता शोषण, भेदभाव और कानूनी सुरक्षा से वंचित करने के खिलाफ़ आवाज़ उठाती हैं।
उनका काम विस्थापित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उन्हें मिलने वाली सुरक्षा पर प्रकाश डालता है। इस पहल को समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने वाले विभाग से भी समर्थन मिलता है, जो हाशिए पर पड़ी आबादी के साथ काम करने के लिए धन मुहैया कराता है।
सामुदायिक एकता
कार्यक्रम शरणार्थियों, प्रवासियों और स्थानीय घाना समुदाय के बीच एकता को बढ़ावा देता है। संवाद और संयुक्त परियोजनाओं का उद्देश्य तनाव को कम करना और सामाजिक एकता का निर्माण करना है।
सिस्टर मेरी कोंसोलाता के प्रयास सतत विकास पर केंद्रित हैं। वे व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने और समाज में सक्रिय रूप से भाग लेने में मदद करती हैं।