पोप लियो 14वें : ‘मानवता चिल्ला रही है, शांति की याचना कर रही है

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप लियो ने युद्ध की त्रासदी को समाप्त करने की अपील की, विशेषकर, मध्य पूर्व में, तथा याद दिलाया कि युद्ध केवल समस्याओं को बढ़ाता है और स्थायी समाधान प्रदान किए बिना गहरा घाव बनाता है।

पोप ने मध्य पूर्व, खासकर ईरान के लिए चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “इस दुखद परिवेश में, जिसमें इस्राएल और फिलिस्तीन शामिल हैं, लोगों की दैनिक पीड़ा, खासकर, गाजा और अन्य क्षेत्रों को भुला दिए जाने का खतरा है, जहाँ पर्याप्त मानवीय सहायता की आवश्यकता लगातार बढ़ती जा रही है।

आज मानवता पहले से कहीं अधिक चिल्ला रही है और शांति की मांग कर रही है। यह एक ऐसी पुकार है जिसके लिए जिम्मेदारी और तर्क की जरूरत है, और इसे हथियारों के शोर या संघर्ष को भड़कानेवाली बयानबाजी से नहीं दबाया जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हर सदस्य की नैतिक जिम्मेदारी है कि युद्ध की त्रासदी को रोका जाए, इससे पहले कि यह एक अपूरणीय खाई बन जाए। जब ​​मानवीय गरिमा दांव पर हो तो कोई संघर्ष दूर का नहीं होता।

युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं करता; इसके विपरीत, यह उसे बढ़ाता है और लोगों के इतिहास पर गहरा घाव करता है, जिन्हें भरने में कई पीढ़ियाँ लग जाती हैं। हथियार द्वारा जीती गई कोई भी जीत, माताओं के दर्द, बच्चों के डर या चुराए गए भविष्य की भरपाई नहीं कर सकती। कूटनीति हथियारों को चुप करा सकती है! राष्ट्र अपने भविष्य को शांति के कार्यों से तय करें, न कि हिंसा और खूनी संघर्षों से!

कोरपुस ख्रीस्ती महापर्व
तत्पश्चात् पोप ने रोम तथा इटली से आये सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया, खासकर, यहाँ सांसदों एवं महापौरों को जो प्रशासकों की जयन्ती के अवसर पर यहाँ उपस्थित हैं।

अंत में, पोप लियो ने कोरपुस ख्रीस्ती महापर्व को मनाने की तैयारी कर रहे विश्वासियों को शुभकामनाएँ एवं आशीष देते हुए कहा, “मैं सभी को रविवार की शुभकामनाएँ देता हूँ, और मैं उन सभी को आशीर्वाद देता हूँ जो आज कोरपुस ख्रीस्ती महापर्व में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो गा रहे हैं, बाजा बजा रहे हैं, फूलों से सजावट कर रहे हैं, कला प्रदर्शित कर रहे हैं और सबसे बढ़कर, प्रार्थना कर रहे हैं और जुलूस में भाग ले रहे हैं। आप सभी का धन्यवाद, और आपका रविवार मंगलमय हो!”