पोप लियो ने शांति हेतु प्रार्थना एवं उपवास के दिन का आह्वान किया

पोप लियो 14वें ने 22 अगस्त को शांति हेतु प्रार्थना और उपवास दिवस घोषित करते हुए विश्वासियों को एकजुट होने के लिए आमंत्रित किया है, तथा सशस्त्र संघर्ष से त्रस्त सभी स्थानों पर "निरस्त्र और निःशस्त्र शांति" का आह्वान किया है।

पॉल षष्ठम हॉल में अपने साप्ताहिक आमदर्शन समारोह के लिए एकत्रित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए, पोप लियो ने एक बार फिर दुनिया के कई संघर्षरत क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया।

शुक्रवार, 22 अगस्त को धन्य कुँवारी मरियम के महारानी होने के पर्व की याद करते हुए, पोप ने विश्वासियों को शांति के लिए प्रार्थना और उपवास करके उस दिन को मनाने के लिए आमंत्रित किया है।

पोप ने कहा, "मरियम पृथ्वी पर विश्वासियों की माता हैं और उन्हें शांति की रानी के रूप में याद किया जाता है।"

चूँकि हमारा विश्व युद्धों से लगातार घायल हो रहा है - पवित्र भूमि में, यूक्रेन में, और दुनिया के अन्य हिस्सों में - पोप ने सभी विश्वासियों को युद्ध के कारण पीड़ित सभी लोगों के लिए "प्रार्थना और उपवास दिवस" में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, "प्रभु में हमें शांति और न्याय प्रदान करने और चल रहे सशस्त्र संघर्षों के कारण पीड़ित लोगों के आँसू पोंछने हेतु प्रार्थना करने के लिए।"

उन्होंने आगे कहा, "शांति की रानी मरियम मध्यस्थता करें ताकि लोग शांति का मार्ग पा सकें।"

पोप लियो ने जस्ना गोरा स्थित चेस्तोकोवा की माता मरियम के तीर्थस्थल की तीर्थयात्रा करनेवाले पोलिश भाषी श्रद्धालुओं का भी अभिवादन किया, जो आमदर्शन समारोह में उपस्थित थे।

उन्होंने कहा, "मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप अपनी प्रार्थनाओं में शांति के वरदान की प्रार्थना को शामिल करें - एक ऐसी शांति जो निःशस्त्र और निःशस्त्र करनेवाली हो - पूरे विश्व के लिए, विशेष रूप से यूक्रेन और मध्य पूर्व के लिए।"