गज़ा : इस्राएली मानवीय संगठनों के लिए, एक नरसंहार है

इस्राएली मानवीय और शांतिवादी संगठनों ने सरकार पर सार्वजनिक रूप से “गज़ा में फिलिस्तीनी समाज के विनाश के लिए काम करनेवाली एक नरसंहारकारी सरकार” का आरोप लगाया है।

नरसंहार शब्द, जिसका प्रयोग गजा में इस्राएली सेना द्वारा किए गए सैन्य अभियानों के लिए काफी विवाद का विषय रहा है, अब वर्जित नहीं रहा—यहाँ तक कि इस्राएल के भीतर और इस्राएली यहूदियों के बीच भी। कल सुबह, दो प्रमुख इस्राएली मानवीय और शांतिवादी संगठनों, बी'त्सेलेम और फिजिशियन्स फॉर ह्यूमन राइट्स ने प्रेस को एक विस्तृत विश्लेषण और दस्तावेजीकरण जारी किया, जिसके निष्कर्ष में कोई संदेह की गुंजाइश नहीं है: कि इस्राएल ने "गज़ा में फिलिस्तीनी समाज के विनाश के लिए काम कर रहे एक नरसंहारकारी शासन" का विकास किया है।

बी'त्सेलेम एक मानवीय संगठन है जिसने 1989 से कब्जेवाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इस्राएल द्वारा किए गए मानवाधिकार उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण किया है, और इसके कार्यों में वकील, पत्रकार और इस्राएली संसद के सदस्य शामिल हैं।

बी'त्सेलेम के कार्यकारी निदेशक यूली नोवाक ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत दुखद क्षण है।" "यहाँ रहनेवाले और रोजाना घट रही घटनाओं के साक्षी रहे इस्राएली और फिलिस्तीनी लोगों का यह कर्तव्य है कि वे यथासंभव स्पष्ट रूप से सच बोलें: इस्राएल फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है। अतिवादी दक्षिणपंथी सरकार 7 अक्टूबर के भयावह हमले से उत्पन्न भय का फायदा उठाकर गज़ा से फिलिस्तीनी लोगों के विनाश और निष्कासन के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।"

फिजिशियन्स फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, जिन्होंने इस पट्टी की स्थिति का विस्तृत फोरेंसिक-मेडिकल विश्लेषण किया है, गज़ा में इस्राएली सैन्य अभियान नरसंहार की परिभाषा के अनुरूप हैं, जैसा कि नरसंहार के अपराध की रोकथाम और सजा पर कन्वेंशन द्वारा निर्धारित किया गया है—एक ऐसा कन्वेंशन जिस पर इस्राएल राज्य भी हस्ताक्षरकर्ता है।

संगठन के कार्यकारी निदेशक, गे शालेव ने कहा: "सबूत गजा में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के जानबूझकर और व्यवस्थित विनाश को दर्शाते हैं, जिसमें अस्पतालों पर बमबारी और विनाश, चिकित्सा सहायता और दवाइयों के आगमन में बाधा, और डॉक्टरों एवं नर्सों की गिरफ्तारी शामिल है। इसे नरसंहार के अलावा किसी और रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता। चिकित्सा पेशेवरों के रूप में, और गजा में हमारे उन सहयोगियों के लिए जो लोगों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, हम सच बोलने के अपने कर्तव्य से खुद को मुक्त नहीं कर सकते।"

दोनों संगठनों ने स्थिति की गंभीरता को कम आंकनेवाले अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भी निंदा की है।

गजा में इस्राएली सैन्य अभियानों को नरसंहार बताने से पिछले कुछ महीनों में काफी विवाद छिड़ा है। पोप फ्राँसिस द्वारा इस मामले पर उठाई गई इसी तरह की चिंता की इस्राएल और पश्चिम में यहूदी समुदायों के सदस्यों ने पहले ही कड़ी आलोचना की है।

इस साल 11 मार्च को, लोसेरवातोरे रोमानो ने इस्राएली नागरिक समाज के सदस्यों को आवाज देकर इस मुद्दे को पहले ही संबोधित कर दिया था। येरुशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के इतिहासकार ली मोरदेकाई ने, कानूनी दृष्टिकोण से, गज़ा में जारी नरसंहार की वास्तविकता की पुष्टि करने में कोई संकोच नहीं किया। साथ ही, मनोभाषाविद् त्सिविया पेरेज़ वाल्डेन ने गाज़ा में इस्राएली सेना द्वारा किए गए नरसंहार की गंभीरता की निंदा करते हुए कहा कि नरसंहार शब्द का प्रयोग विभाजनकारी हो सकता है और संघर्ष की ध्रुवीकृत व्याख्या को मजबूत कर सकता है।