ओडिशा में धार्मिक कार्यकर्ताओं के एक समूह पर हाल ही में हुए हमले और छत्तीसगढ़ में दो धर्मबहनों की पूर्व में हुई गिरफ़्तारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में ईसाई पादरियों और ननों के ख़िलाफ़ हिंसा और उत्पीड़न की बढ़ती और चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर किया है।